विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम और भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने अपने हरित ऊर्जा व हरित हाइड्रोजन उद्देश्यों को साकार करने के लिए एक भूमि पट्टा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस तरह यह ऊर्जा रूपांतरण की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों में भी अपना योगदान दे रहा है। एक “एकीकृत हरित हाइड्रोजन केंद्र” के निर्माण को लेकर एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) और आंध्र प्रदेश इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (एपीआईआईसी) के बीच 20 फरवरी, 2024 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस केंद्र का निर्माण आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अच्युतपुरम मंडल के पुदीमदका गांव के पास 1,200 एकड़ भूमि पर किया जाएगा।
पुदीमदका हरित हाइड्रोजन केंद्र का लक्ष्य नई ऊर्जा प्रतिमान में प्रौद्योगिकियों के लिए एक विश्व- स्तरीय इकोसिस्टम का निर्माण करना है। इनमें इलेक्ट्रोलाइजर और ईंधन सेल विनिर्माण, संबंधित सहायक उद्योग व स्टार्ट-अप, इन्क्यूबेशन, परीक्षण सुविधाएं, हरित हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव्स जैसे हरित अमोनिया व हरित मेथनॉल का उत्पादन और निर्यात शामिल हैं। इस परियोजना में भारत की सबसे बड़ी हरित हाइड्रोजन उत्पादन सुविधा (हर दिन 1,200 टन) का निर्माण शामिल है। यह हरित हाइड्रोजन को हरित अमोनिया और हरित मेथनॉल जैसे डेरिवेटिव्स में परिवर्तित करने में सक्षम बनाएगा, जो मुख्य रूप से विभिन्न निर्यात बाजारों में इसकी आपूर्ति करेगा।
अमरावती स्थित आंध्र प्रदेश सचिवालय में एनजीईएल के मुख्य महाप्रबंधक श्री शिवकुमार वी.वी. और एपीआईआईसी के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक श्री प्रवीण कुमार के बीच इस भूमि पट्टा विलेख का आदान-प्रदान किया गया। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री के.एस. जवाहर रेड्डी, एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक श्री आर. सारंगापानी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।