तेजस एमके1ए कार्यक्रम से संबंधित एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी) को प्रोटोटाइप एलएसपी7 में एकीकृत किया गया और उसका 19 फरवरी 2024 को सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। तेजस – एमके1ए के लिए डीएफसीसी को बंगलुरु स्थित वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर में क्वाड्राप्लेक्स पावर पीसी आधारित प्रोसेसर, हाई स्पीड ऑटोनॉमस स्टेट मशीन आधारित आई/ओ नियंत्रक, उन्नत कम्प्यूटेशनल थ्रूपुट और डीओ178सी लेवल-ए सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप जटिल ऑन-बोर्ड सॉफ्टवेयर शामिल हैं। उड़ान नियंत्रण के सभी महत्वपूर्ण मानक और प्रदर्शन संतोषजनक पाए गए। पहली उड़ान का संचालन राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र के विंग कमांडर सिद्दार्थ सिंह केएमजे (सेवानिवृत्त) ने किया।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग और रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में वैमानिकी विकास एजेंसी ने सफलतापूर्वक प्रमाणित तेजस-हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) टाइप किया है। भारतीय वायु सेना पहले ही तेजस – एमके1ए का संचालन कर चुकी है। विमान के उन्नत संस्करण, तेजस एमके1ए में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी एमके1ए), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (एसएमएफडी), एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (एईएसए) रडार, एडवांस्ड सेल्फ- प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं हैं।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने तेजस एमके1ए के लिए इस महत्वपूर्ण प्रणाली के विकास और सफल उड़ान परीक्षण में शामिल डीआरडीओ, आईएएफ, एडीए और उद्योग जगत की संयुक्त टीमों की सराहना की तथा इसे विशेष आयात की घटती संख्या के साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

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