रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा 30 जनवरी से 02 फरवरी, 2024 के दौरान ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज स्वदेशी रूप से विकसित उच्च गति वाले व्यय योग्य हवाई लक्ष्य, अभ्यास का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। संशोधित सशक्त विन्यास में चार अलग-अलग मिशन उद्देश्यों के साथ उड़ान परीक्षण परिचालित किए गए। इसके लिए एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी, हैदराबाद द्वारा डिज़ाइन किए गए एकल बूस्टर का उपयोग किया गया, ताकि निम्न लॉन्च त्वरण प्रदान किया जा सके।
अभ्यास को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा मिसाइल प्रणालियों के परीक्षण के लक्ष्य के रूप में विकसित किया गया है। बूस्टर को सुरक्षित जारी करना, लॉन्चर क्लीयरेंस और आवश्यक लॉन्च वेग जैसे उद्देश्य हासिल किए गए। उड़ान परीक्षणों के दौरान, आवश्यक सहनशक्ति, गति, गति-बदलाव, ऊंचाई और सीमा जैसे विभिन्न मापदंडों को सफलतापूर्वक मान्यता दी गयी।
डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) द्वारा डिजाइन किया गया ‘अभ्यास’, हथियार प्रणालियों के अभ्यास के लिए एक यथार्थवादी खतरे का परिदृश्य प्रदान करता है। इसे एडीई द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित ऑटो पायलट की मदद से स्वायत्त उड़ान के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इसमें हथियार अभ्यास के लिए आवश्यक रडार क्रॉस सेक्शन, विज़ुअल और इन्फ्रारेड को बढ़ाने की प्रणाली है। इसमें एक लैपटॉप-आधारित ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम है, जिसके साथ विमान को एकीकृत किया जा सकता है और उड़ान पूर्व जांच, उड़ान के दौरान डेटा रिकॉर्डिंग, उड़ान के बाद रीप्ले और उड़ान-पश्चात विश्लेषण आदि किये जा सकते हैं। ‘अभ्यास’ के लिए न्यूनतम लॉजिस्टिक्स की आवश्यकता होती है और यह आयातित समकक्षों की तुलना में लागत प्रभावी भी है।
हाल ही में परीक्षण की गई प्रणालियों को उत्पादन एजेंसियों – हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) डिफेंस के माध्यम से साकार किया गया है। पहचान की गयी उत्पादन एजेंसियों के साथ, ‘अभ्यास’ उत्पादन के लिए तैयार है। इस प्रणाली में निर्यात क्षमता है और इसे मित्र देशों के सामने पेश किया जा सकता है।