भारत की अग्रणी नवीकरणीय उर्जा कंपनी एसीएमई समूह और जापान के एकीकृत भारी उद्योग समूह आईएचआई कार्पोरेशन ने ओडीशा, भारत से जापान के लिये हरित अमोनिया आपूर्ति के लिये एक आफटेक टर्म शीट पर हस्ताक्षर किये हैं।
जापान की कंपनी आईएचआई और भारतीय कंपनी एसीएमई के बीच इस टर्म शीट के तहत ओडीशा की गोपालपुर परियोजना के फेज-1 से दीर्घकालिक आधार पर 0.4 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) हरित अमोनिया की आपूर्ति की जायेगी। दोनों कंपनियां उत्पादन से लेकर लाजिस्टिक, जापानी उपभोक्ताओं को आपूर्ति और कुल मिलाकर उत्सर्जन में कमी लाने के लिये विद्युत उत्पादन के विभिन्न अनुप्रयोगों तथा जापान में विभिन्न औद्योगिक उपयोगों में हरित अमोनिया के लिये बाजार सृजन के वास्ते भागीदारी करना चाहती हैं।
समझौते के बारे में अपनी बात कहते हुये केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय मंत्री श्री आर. के. सिंह ने कहा कि हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के क्षेत्र में यह दुनिया का सबसे पहला और सबसे बड़ा समझौता है। ‘‘जापान भारत का एक करीबी दोस्त और भागीदार रहा है। हरित गतिविधियों को बढ़ाने वाला नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र का यह गठबंधन हमारी भागीदारी को और मजबूत बनायेगा। हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया बनाने की भारत की लागत दुनिया में पहले ही सबसे प्रतिस्पर्धी है। हम दुनिया में हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया विनिर्माण करने वाले सबसे बड़े विनिर्माताओं में एक बनकर उभर रहे हैं।’’
उन्होंने ने भारत और जापान के बीच भागीदारी के रणनीतिक महत्व को भी रेखांकित किया। ‘‘जापान के साथ हमारी भागीदारी रणनीतिक है, यह और मजबूत होगी। जापान और अन्य विकसित देशों में हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया की बड़ी आवश्यकता है, जिसकी भारत बहुत ही प्रतिस्पर्धी दरों पर आपूर्ति करने में सक्षम है।’’
उन्होंने ने कहा कि यह समझौता एक एतिहासिक अवसर है, जो कि एक नई दुनिया की ओर ले जायेगा। ‘‘यह एक नई दुनिया होगी जहां हम जीवाश्म ईंधन और कार्बन के स्थान पर हरित और नवीकरणीय ईंधन जैसे कि हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया का इस्तेमाल करेंगे। मैं इस भागीदारी के लिये एसीएमई और आईएचआई दोनों को बधाई देता हूं। आने वाले समय में जापान और भारत के बीच यह भागीदारी और बड़ी व मजबूत हो ऐसी मेरी कामना है।’’
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