प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 19 जनवरी को कर्नाटक के बेंगलुरु में नए अत्याधुनिक बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (बीआईईटीसी) के परिसर का उद्घाटन किया। 1,600 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित, 43 एकड़ का यह परिसर अमेरिका के बाहर बोइंग का इस प्रकार का सबसे बड़ा निवेश है। प्रधानमंत्री ने बोइंग सुकन्या कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य देश के बढ़ते विमानन क्षेत्र में देश भर से और अधिक बालिकाओं के प्रवेश में सहायता देना है।
बोइंग कंपनी की सीओओ सुश्री स्टेफ़नी पोप ने भारत में विमानन क्षेत्र के विकास पर प्रधानमंत्री द्वारा ध्यान दिए जाने और बोइंग सुकन्या कार्यक्रम को आज संभव बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने ने निरंतर समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया और एयरोस्पेस के भविष्य को आकार देने के लिए मिलकर काम करने की आशा व्यक्त की। उन्होंने ने कहा कि यह नया परिसर बोइंग की इंजीनियरिंग विरासत का प्रमाण है और यह भारत में मौजूद प्रतिभा समूह और क्षमता की उपलब्धता, गहराई में विश्वास को रेखांकित करता है। उन्होंने नए परिसर के कार्यक्षेत्र और एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार करने की बोइंग की योजना के बारे में विस्तार से बताया, जो भारत को एयरोस्पेस उद्योग में सबसे आगे ले जाएगा। अंत में उन्होंने ने कहा कि नया बोइंग परिसर प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत पहल या ‘आत्मनिर्भरता’ के सबसे अत्याधुनिक उदाहरणों में से एक बनेगा।
उन्होंने प्रधानमंत्री को सुकन्या कार्यक्रम के विचार का श्रेय दिया और भारतीय महिलाओं के लिए विमानन के क्षेत्र में अवसर सृजित करने और उनमें तेजी लाने के बोइंग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम बाधाओं को दूर करेगा तथा और अधिक महिलाओं को एयरोस्पेस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।” उन्होंने माध्यमिक विद्यालयों में एसटीईएम प्रयोगशालाएं उपलब्ध कराने की योजना के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बोइंग और भारत की साझेदारी विमानन के भविष्य को आकार देगी तथा भारत और दुनिया भर के लोगों के लिए सकारात्मक बदलाव लाएगी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने ने कहा कि बेंगलुरु एक ऐसा शहर है, जो आकांक्षाओं को नवाचारों और उपलब्धियों से तथा भारत की तकनीकी क्षमता को वैश्विक मांग से जोड़ता है। प्रधानमंत्री ने इस नव उद्घाटित परिसर के अमेरिका से बाहर बोइंग की सबसे बड़ी सुविधा होने की जानकारी देते हुए कहा, “बोइंग का यह नया प्रौद्योगिकी परिसर इसी विश्वास को मजबूत करने वाला है।” उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि इसका पैमाना और परिमाण न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के विमानन बाजार को भी मजबूती प्रदान करेगा।
उन्होंने ने कहा कि यह सुविधा अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार, डिजाइन और मांग को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा, “यह परिसर ‘मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड’ के संकल्प को सशक्त करता है।” उन्होंने कहा, “यह परिसर भारत की प्रतिभा में दुनिया के भरोसे को मजबूत करेगा।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एक दिन, भारत इस सुविधा में भविष्य के विमान डिजाइन करेगा।
कर्नाटक में पिछले साल एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण फैक्ट्री के उद्घाटन को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बोइंग की यह नई सुविधा कर्नाटक के एक नए विमानन केंद्र के रूप में उदय का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने विशेष रूप से भारत के युवाओं को बधाई दी, जिनके पास अब विमानन उद्योग में नए कौशल हासिल करने के अनेक अवसर होंगे।