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श्री सुमित राऊत, एक बेरोजगार युवा, सीएडी-सीएएम में एम.टेक पूरा करने के बाद लंबे समय से नौकरी की तलाश कर रहे थे। जब उनकी नौकरी की तलाश चल रही थी तो उन्होंने नागपुर के उद्योग भवन में एमसीईडी पर आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया और उन्‍हें महात्‍मा गांधी ग्रामीण औद्योगीकरण संस्‍थान (एमजीआईआरआई) वर्धा के बारे में पता चला। वह तुरंत एमजीआईआरआई पहुंचे और उन्‍होंने विभिन्न विभागों द्वारा अनेक प्रशिक्षणों/ प्रौद्योगिकियों के संबंध में उपलब्‍ध कराई गई जानकारी को एकत्र किया। उन्होंने एलोवेरा आधारित उत्पादों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम लेने का निर्णय लिया, क्योंकि उनके पास कुछ एकड़ जमीन है, जहां वह एलोवेरा की खेती कर सकते थे और अपनी प्रसंस्करण इकाई शुरू कर सकते थे। मई, 2016 में उन्होंने जैव-प्रसंस्करण और हर्बल प्रभाग में डॉ. आदर्श कुमार अग्निहोत्री के मार्गदर्शन में एलोवेरा आधारित उत्पादों के बारे में पांच दिवसीय प्रशिक्षण लिया।

बी एंड एच प्रभाग में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के तुरंत बाद, सुमित राउत ने अपने फार्म में एलोवेरा की खेती की और एलोवेरा आधारित उत्पादों जैसे हैंडवॉश, शैम्पू, मॉइस्चराइजिंग जेल और जूस का उत्पादन शुरू किया। ग्राहकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद, उन्होंने सभी उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई, जिसके लिए कुछ मशीनों और एक बड़े सेटअप की जरूरत थी।उन्होंने पीएमई जीपी योजना के तहत ऋण लिया और जिला यवतमाल के रालेगांव में  “महालक्ष्मी एग्रो प्रोडक्ट्स” के नाम से एक इकाई स्थापित की। उन्होंने अपनी यूनिट में 6 लोगों को रोजगार दिया है और उनकी मासिक आय अब लगभग एक लाख रूपए प्रतिमाह है।

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