प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) ने इस वर्ष 1000 करोड़ रुपये की औषधि विक्रय करके देश में जेनेरिक दवाओं के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह सफलता देश के नागरिकों के सहयोग के द्वारा ही संभव हो पाई है, जिन्होंने देश के 785 से अधिक जिलों में स्थित जन औषधि केंद्रों से दवाएं खरीदकर लगभग 5000 करोड़ रुपये की बचत की है। इस तरह की पर्याप्त वृद्धि अधिकतम समुदायों की सेवा करने और व्यापक स्तर पर लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए पीएमबीआई की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

पिछले 9 वर्षों में, केंद्रों की संख्या में 100 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में इन केंद्रों की संख्या केवल 80 थी और अब देश के लगभग सभी जिलों को कवर करते हुए करीब 10000 केंद्र हो गए हैं। माननीय प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी स्वतंत्रता दिवस, 2023 के भाषण में देश भर में 25,000 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) खोलने की घोषणा की थी। उन्होंने ने 30 नवंबर, 2023 को झारखंड के देवघर में एम्स में 10,000वें जनऔषधि केंद्र का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया और देश के आम लोगों तक व्यापक पहुंच तथा जेनेरिक दवाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्रों की संख्या 25,000 तक बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया।

इस योजना के तहत, देश भर में 10,000 से अधिक कामकाजी जनऔषधि केंद्र स्थापित किये गए हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के उत्पाद समूह में 1963 दवाएं तथा 293 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों जैसे कार्डियोवास्कुलर, कैंसर रोधी, एनिट-डायबिटीज, संक्रमण रोधी, एलर्जी रोधी, गैस्ट्रो-आंत्र दवाएं, न्यूट्रास्यूटिकल्स आदि को कवर करते हैं। इसके लिए गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, गुवाहाटी और सूरत में पांच गोदाम बनाए गए हैं। ये सभी एसएपी आधारित इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली द्वारा कार्यान्वित हैं। इसके अलावा, दूरदराज तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दवाओं की आपूर्ति को पूरा करने के लिए देश भर में 36 वितरक कार्यरत हैं। पीएमबीजेपी ने प्रतिरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से अपने उत्पाद समूह में कई आयुर्वेदिक उत्पादों को भी जोड़ा है और यह लोगों के लिए किफायती दामों पर आसानी से उपलब्ध हैं।
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