कोयला मंत्रालय ने नवंबर 2023 के दौरान संचयी कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की है, जो पिछले वर्ष के इसी महीने के 76.14 मीट्रिक टन के आंकड़े को पार करते हुए 84.53 मीट्रिक टन (तात्कालिक) तक पहुंच चुका है और यह 11.03% की वृद्धि को प्रदर्शित करता है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन नवंबर 2023 में 8.74% की बढ़ोतरी के साथ 65.97 मीट्रिक टन (तात्कालिक) हो गया है, जबकि नवंबर 2022 में यह 60.67 मीट्रिक टन था। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल कोयला उत्पादन (नवंबर 2023 तक) 591.28 मीट्रिक टन (तात्कालिक) हो गया है, इस प्रकार से वित्त वर्ष 2022-23 में इसी अवधि के दौरान हुए 524.53 मीट्रिक टन उत्पादन की तुलना में 12.73% की वृद्धि देखी गई है।
इसी तरह से, नवंबर 2023 में कोयला प्रेषण में भी उल्लेखनीय बढ़त देखी गई है, जो प्रभावशाली रूप से 81.63 मीट्रिक टन (तात्कालिक) तक पहुंच चुका है और यह नवंबर 2022 में दर्ज 74.87 मीट्रिक टन (तात्कालिक) की तुलना में 9.02% की वृद्धि दर के साथ उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है। इसी अवधि में, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शानदार प्रदर्शन किया है और इसके द्वारा इस्तेमाल के लिए भेजा गया कोयला नवंबर 2023 में 62.26 मीट्रिक टन (तात्कालिक) तक पहुंच गया है, जबकि नवंबर 2022 में यह 59.91 मीट्रिक टन ही था, इस तरह से इसमें 3.92% की बढ़ोतरी देखी गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल भेजा गया कोयला (नवंबर 2023 तक) 11.70% की बढ़त के साथ 623.04 मीट्रिक टन (तात्कालिक) हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि के दौरान यह मात्र 557.80 मीट्रिक टन ही था।
भारत के कोयला क्षेत्र में असाधारण वृद्धि देखी जा रही है, जो कोयला उत्पादन, प्रेषण और भंडार के स्तर में हो रही उल्लेखनीय बढ़ोतरी से समझा जा सकता है। इस महत्वपूर्ण बढ़त का श्रेय कोयला क्षेत्र में सार्वजनिक उपक्रमों की दृढ़ प्रतिबद्धता को दिया जा रहा है, जो इस असाधारण प्रगति को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की कोयला मंत्रालय की वचनबद्धता को दोहराता है और यह आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप भी है।