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प्रदूषण मुक्त वाराणसी हेतु एक महत्वपूर्ण कदम की दिशा में रविदास घाट पर शहर के दूसरे फ्लोटिंग कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) मोबाइल रि-फ्यूलिंग यूएनआईटी (एमआरयू) स्टेशन का उद्घाटन आज माननीय पेट्रोलियम  एवं  प्राकृतिक गैस तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने किया। नमो घाट सीएनजी स्टेशन के पश्चात नौकाओं में सीएनजी भरने के लिए यह देश का दूसरा ऐसा स्टेशन निर्मित किया गया है।

उक्त दोनों स्टेशनों को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के नियंत्रणाधीन महारत्न पीएसयू गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। इस अवसर पर गेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री संदीप कुमार गुप्ता, निदेशक (मानव संसाधन) श्री आयुष गुप्ता, निदेशक (विपणन) श्री संजय कुमार और अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इसी के साथ, वाराणसी के मुख्य घाटों के दोनों ओर नौकाओं के लिए फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन अब चालू हैं। गेल द्वारा फ्लोटिंग स्टेशनों को लगभग 17.5 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। उन्होंने ने कहा कि पर्यावरणीय चुनौतियों और स्वच्छ अक्षय स्रोतों में बदलाव की तत्काल आवश्यकता से जूझ रहे विश्व में, वाराणसी में दूसरे फ्लोटिंग इंफ़्रास्ट्रक्चर का उद्घाटन व्यवहार्य अक्षय ऊर्जा समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने ने यह भी कहा कि  “इस फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन को स्थापित करने का निर्णय स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में परिवर्तनकारी शक्ति में हमारे विश्वास का प्रमाण है।”

रविदास घाट पर सीएनजी स्टेशन के महत्व के बारे में बोलते हुए, श्री पुरी ने कहा कि इससे नाविकों को बड़ी सुविधा मिलेगी क्योंकि उन्हें ईंधन भरने के लिए नमो घाट तक नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय और धन की बचत होगी।  विगत कई वर्षों से वाराणसी घाटों पर नाविक पुराने और कम कुशल पेट्रोल और डीजल इंजनों का उपयोग कर रहे थे, जिन्हें अब किट के साथ नए सीएनजी इंजनों में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे ईंधन दक्षता में सुधार हुआ है। निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के तहत गेल ने नावों को पर्यावरण अनुकूल ईंधन सीएनजी में बदलने के लिए वाराणसी नगर निगम (वीएनएन) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।  अब तक वीएनएन के साथ पंजीकृत 890 में से 735 ऐसी नौकाओं को गेल के सीएसआर कार्यक्रम के तहत 18 करोड़ रुपये की लागत से सीएनजी में परिवर्तित किया गया है।

नमो घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी मदर स्टेशन विश्व में पहला ऐसा सीएनजी स्टेशन है, जो दिसंबर 2021 से चालू है। इस स्टेशन की संपीड़न क्षमता लगभग 15,000 किलोग्राम / दिन सीएनजी की है जो प्रति दिन लगभग 1,000  – 1,500 नौकाओं में सीएनजी भरने में सक्षम है। वर्तमान में वाराणसी में चलने वाली नौकाओं में 5 से 20 एचपी इंजन पावर के साथ 15 से 80 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है। हाल ही में गेल को इस परियोजना के लिए एशियाई तेल और गैस पुरस्कार कार्यक्रम में प्रतिष्ठित ‘मिडस्ट्रीम प्रोजेक्ट ऑफ द ईयर – इंडिया’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

रविदास घाट पर नया स्टेशन सीएनजी मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट (एमआरयू) है, अर्थात सीएनजी को नमो घाट से कैस्केड में भरा जाएगा और नौकाओं में ईंधन हेतु रविदास घाट तक जल मार्ग से पहुंचाया जाएगा, जो विश्व में इस प्रकार का पहला प्रयास है। इसकी क्षमता 4,000 किलोग्राम प्रति दिन है, जो प्रति दिन 300 से 400 नौकाओं को पूरा कर सकती  है।

चूंकि सीएनजी डीजल की तुलना में अधिक कुशल ईंधन है, अतः इससे नाविकों को अधिक बचत होती है, क्योंकि पुराने डीजल इंजनों को कुशल सीएनजी इंजनों में परिवर्तित करने के कारण उन्हें लगभग 35-40% अधिक माइलेज मिल रहा है (1 किलोग्राम सीएनजी 1.39 लीटर पेट्रोल और 1.18 लीटर डीजल के बराबर ऊर्जा प्रदान करती है)। औसतन रूप से यह अनुमान लगाया गया है कि प्रत्येक नाविक ईंधन के रूप में सीएनजी का उपयोग करके संभावित रूप से  लगभग 36,000 रुपये बचा सकता है।

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