राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कल ओडिशा के मयूरभंज के कुलियाना में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) का उद्घाटन किया। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा इस कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित थे। जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 38 करोड़ रुपये का बजट स्कूल के लिए मंजूर किया गया है, जिसका निर्माण आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम हिंदुस्तान स्टील कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (एचएससीएल) द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने ने इस अवसर पर कहा कि बचपन में उनके घर के पास कोई स्कूल नहीं था, इसलिए उन्हें पढ़ाई के लिए घर से दूर जाना पड़ता था। उन्होंने कहा कि उस समय समीप में स्कूल नहीं होने के कारण कई बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते थे, आज यह स्थिति नहीं है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खुलने से अब स्थानीय बच्चों को शिक्षा के अधिक अवसर उपलब्ध होंगे।
उन्होंने ने कहा कि वह भी उनकी तरह एक साधारण पृष्ठभूमि की हैं और उन्हें अपनी शिक्षा के कारण देश के नागरिकों की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने बच्चों को बताया कि शिक्षा ही उन्हें सफल बना सकती है, एक शिक्षित व्यक्ति बनकर वे अपने विकास के साथ-साथ देश और समाज की प्रगति में भी योगदान दे सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक कल्याण की कुंजी है और उन्होंने माता-पिता को अपने बच्चों को शिक्षित करने की सलाह दी।
उन्होंने ने कहा कि भारत सरकार ने जनजाति बहुल क्षेत्रों में रेल, राष्ट्रीय राजमार्ग, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऐसी अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के माध्यम से बहुआयामी योजनाएं शुरू की हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जनजातीय बच्चों की शिक्षा के लिए देश भर में 700 से अधिक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में पूरे देश के 3.5 लाख से अधिक जनजातीय छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और समाज तथा राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकेंगे।