भारतीय नौसेना के लिए मेसर्स जीआरएसई द्वारा बनाई जा रही 08 x एएसडब्ल्यू शैलो वॉटर क्राफ्ट (एसडब्ल्यूसी) परियोजना में चौथे जहाज ‘अमिनी’ को 16 नवंबर 23 को मेसर्स एलएंडटी, कट्टुपल्ली में लॉन्च किया गया था। इस समारोह की अध्यक्षता साज-समान प्रमुख वाइस एडमिरल संदीप नैथानी ने की। समुद्री परंपरा को ध्यान में रखते हुए, श्रीमती मंजू नैथानी ने अथर्ववेद के मंगलाचरण के साथ जहाज का शुभारंभ किया। कोच्चि से लगभग 400 किलोमीटर पश्चिम में स्थित लक्षद्वीप में अमिनी द्वीप को दिए गए रणनीतिक समुद्री महत्व को दर्शाने के लिए जहाज का नाम अमिनी रखा गया है।
आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर 29 अप्रैल, 2019 को रक्षा मंत्रालय और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। निर्माण रणनीति के अनुसार, चार जहाजों का निर्माण जीआरएसई, कोलकाता में किया जा रहा है और शेष चार जहाजों का उप-अनुबंध किया गया है। पतवार और भाग की साज-सज्जा मेसर्स एल एंड टी शिपबिल्डिंग, कट्टुपल्ली को सौंपी गई है। अर्नाला श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना के सेवारत अभय श्रेणी के एएसडब्ल्यू कार्वेट की जगह लेंगे और इन्हें तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन (एलआईएमओ) और खदान बिछाने के संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। 900 टन के विस्थापन वाले 77 मीटर लंबे एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों की अधिकतम गति 25 समुद्री मील और लगभग 1800 एनएम की क्षमता है।
इस श्रेणी का तीसरा जहाज 13 जून, 2023 को मेसर्स एलएंडटी, कट्टुपल्ली में लॉन्च किया गया था। एक वर्ष के भीतर एक ही श्रेणी के चार जहाजों का प्रक्षेपण आत्मनिर्भर भारत की दिशा में स्वदेशी जहाज निर्माण में हमारी प्रगति को उजागर करता है। परियोजना का पहला जहाज 2024 की शुरुआत में वितरित करने की योजना है। एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन निष्पादित किया जाएगा, जिससे देश के भीतर रोजगार और क्षमता में वृद्धि होगी।