केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में नैनो टेक्नोलॉजी कृषि क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगी। गांधीनगर में कलोल के पास इफको द्वारा देश के पहले नैनो डीएपी संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद बड़ी संख्या में किसानों को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाना और उत्पादन के पैमाने से समझौता किए बिना कृषि में उर्वरकों के उपयोग को कम करना समय की मांग है। उन्होंने ने नैनो वेरिएंट विकसित करने और रासायनिक उर्वरकों के सफल विकल्प पेश करने में इफको के योगदान की सराहना की।

उन्होंने ने कहा कि किसानों को बजट और ऋण सहायता में वृद्धि के अलावा, वैश्विक स्तर पर उर्वरक की कीमतों में वृद्धि के बाद सरकार ने उर्वरक सब्सिडी में भी वृद्धि की है। उन्होंने ने कहा कि ठोस डीएपी और यूरिया के विपरीत, तरल नैनो डीएपी मिट्टी में पोषक तत्वों को प्रभावित नहीं करेगा और इसमें कोई हानिकारक धातु कण नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि डीएपी प्लांट से क्षेत्र के किसानों को काफी फायदा होगा।

कलोल में नैनो लिक्विड डैप प्लांट इफको द्वारा 300 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है। इस संयंत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के अनुरूप विकसित किया गया है। इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा कि जहां पारंपरिक डीएपी की एक बोरी की कीमत लगभग 1300 रुपये है, वहीं किसानों को नैनो लिक्विड डीएपी की एक बोतल सिर्फ 600 रुपये में मिल सकती है, जिसे किसान अपनी जेब में रख सकते हैं। इस संयंत्र से डीएपी के आयात में उल्लेखनीय कमी आएगी और लॉजिस्टिक्स और भंडारण लागत में भी कमी आएगी। यह प्लांट 25 टन डीएपी के बराबर 5 करोड़ बोतल नैनो डीएपी लिक्विड का उत्पादन करेगा।

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