प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत स्किल इंडिया के पायलट प्रोजेक्ट ने कश्मीर के पारंपरिक नामदा शिल्प में सफलतापूर्वक नई जान फूंक दी है। स्थानीय उद्योग भागीदारों के साथ सहयोगात्मक प्रयास के माध्यम से, इस पहल ने लुप्त होती कला को पुनर्जीवित किया है, कारीगरों को सशक्त बनाया है और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया है।

नमदा शिल्प, पारंपरिक बुनाई प्रक्रिया के बजाय फेल्टिंग तकनीक का उपयोग करके भेड़ के ऊन से बना एक गलीचा है, जिसमें कच्चे माल की कमी, कुशल जनशक्ति की कमी जैसी विभिन्न चुनौतियों के कारण 1998 और 2008 के बीच निर्यात में भारी गिरावट देखी गई थी।

इस लुप्तप्राय शिल्प को संरक्षित करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने पीएमकेवीवाई के तहत एक विशेष परियोजना के हिस्से के रूप में एक अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया है।

जम्मू और कश्मीर के छह जिलों के लगभग 2,200 उम्मीदवारों ने नमदा शिल्प की कला में प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जो इसके संरक्षण और पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस परियोजना की सफलता का श्रेय स्किल इंडिया और स्थानीय उद्योग भागीदारों के बीच सार्थक सहयोग को दिया जा सकता है।

अधिकारियों ने कहा कि यह परियोजना कौशल विकास के क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का एक बड़ा उदाहरण स्थापित करती है, क्योंकि इसे स्थानीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है।

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