केंद्रीय इस्पात एवं नागरिक उड्डयन मंत्री श्री. ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने 23 जून को नई दिल्ली से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के भिलाई स्टील प्लांट की दल्ली माइंस में सिलिका रिडक्शन प्लांट का वर्चुअल रुप से उद्घाटन किय

उन्होंने ने उल्लेख किया कि इस्पात क्षेत्र ने रोजगार सृजन और मूलभूत बुनियादी ढांचा प्रदान करके भारत की विकास गाथा में प्रमुख भूमिका निभाई है।

उन्होंने  ने कहा, “राष्ट्रीय इस्पात नीति (एनएसपी) 2017 के अनुसार, माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हम 2030 तक 300 मीट्रिक टन कच्चे इस्पात उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।” भारत इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया में दूसरे स्थान पर है और 2018 में जापान को पछाड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया। स्पंज आयरन उत्पादन में भी भारत दुनिया में पहले स्थान पर है और इसकी कच्चे इस्पात की क्षमता भी 110 मीट्रिक टन से बढ़कर 160 मीट्रिक टन हो गई है। पिछले 9 वर्षों में 46% की वृद्धि दर्ज की गई।

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे पर तेजी से काम कर रही है, जिसके कारण खपत 77 मीट्रिक टन से बढ़कर 120 मीट्रिक टन हो गई है और प्रति व्यक्ति स्टील की खपत, जो 2014 में 60 किलोग्राम थी, अब 50 की वृद्धि दर्ज करते हुए 87 किलोग्राम तक पहुंच गई है। आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण के अनुरूप, भारत अब 9 साल पहले स्टील के आयातक के बजाय निर्यातक के रूप में उभरा है।

उन्होंने  ने कहा कि स्टील सेक्टर देश में एक नई ताकत बनकर उभरा है और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। “भारत की अमृत काल से शताब्दी काल तक की यात्रा में सेल की प्रमुख भूमिका होगी”। प्लांट का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यह दुनिया का एकमात्र स्टील प्लांट है जो दुनिया की सबसे लंबी 130 मीटर की सिंगल रेल बनाने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा, “वर्तमान में संयंत्र की क्षमता प्रति वर्ष 6 मीट्रिक टन कच्चे इस्पात का उत्पादन करने की है और निकट भविष्य में इसकी क्षमता 6.8 मीट्रिक टन तक बढ़ाने की योजना है।”

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