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नवटोली गांव निवासी 62 वर्षीया उर्मिला देवी मिथिला पेंटिग की प्रसिद्ध कलाकार मानी जाती रही है। उर्मिला देवी चार दशक से अधिक समय से मिथिला पेंटिग कर रही है। उर्मिला देवी वर्ष 1990, 1992, 1994 में उपेंद्र महारथी हस्तशिल्प संस्थान, पटना द्वारा उत्कृष्ट शिल्पी के रूप में पुरस्कृत की जा चुकी हैं।

उन्होने ने बताया कि घरेलू कार्य से फुर्सत के समय में बेवजह समय गुजारने के बजाय महिलाओं को मिथिला पेंटिग्स सीखना चाहिए। इससे जुड़े रहने से सकारात्मक सोच विकसित होता है। जिससे मानसिक परेशानी दूर होती है। मिथिला पेंटिग को रोजगार के अवसर के रूप में भी लिया जाना चाहिए। इससे जुड़ी सैकड़ों महिलाएं आत्मनिर्भर की ओर बढ़ रही है।

वर्ष 1993, 1995 में विकास आयुक्त हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय द्वारा एपरेंटेशिप ट्रेनिग स्क्रीम (एटीएस) के तहत एक वर्ष तक महिलाओं को मिथिला पेटिग के लिए प्रशिक्षण दिया। वर्ष 2003 में नाबार्ड द्वारा मधुबनी में मिथिला पेंटिग पर चलाए जा रहे क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम में चयन समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया।

वर्ष 2005 में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन द्वारा अहमदाबाद में वहां के बच्चों को मिथिला पेंटिग का डिजाइन सिखाया। उर्मिला देवी अबतक 2500 से अधिक लोगों को मिथिला पेंटिग में प्रशिक्षित किया है। दिल्ली हाट, प्रगति मैदान, हैदराबाद, मुंबई, गोवा, पुडुचेरी, चेन्नई, कोलकता, आंध्र प्रदेश, रांची, बनारस, अहमदाबाद, पटना, चंडीगढ़, कुल्लू मनाली सहित देश के विभिन्न शहरों में आयोजित हस्तशिल्प प्रदर्शनी में शामिल होकर मिथिला पेटिग का प्रचार-प्रसार करती रही है। वर्ष 2017 में पावर ग्रिड द्वारा मधुबनी में चलाए गए मिथिला पेंटिग क्लस्टर प्रोग्राम में मुख्य चयन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुकी हैं।

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