केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत में पिछले एक साल में 5,000 से अधिक उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों (पीआईबीओ) ने विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी (ईपीआर) के लिए पंजीकरण कराया है।

एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी एक ऐसा तंत्र है जहां कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके उत्पादों को उनके उपयोगी जीवन के अंत में एकत्र और पुनर्नवीनीकरण किया जाता है, बजाय इसके कि उन्हें लैंडफिल या भस्मीकरण में निपटाया जाए।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए ईपीआर के तहत 2.26 मिलियन टन प्लास्टिक पैकेजिंग को कवर किया गया है। भारत ने 2019-20 में कुल लगभग 3.4 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न किया। मंत्रालय ने कहा, “16 फरवरी, 2022 को ईपीआर दिशानिर्देशों की अधिसूचना से पहले लगभग 310 पंजीकृत उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों (पीआईबीओ) से, प्लास्टिक पैकेजिंग पर केंद्रीकृत ईपीआर पोर्टल पर पंजीकृत पीआईबीओ की संख्या लगभग 5,400 हो गई है।” एक बयान में कहा।

स्रोत