दैनिक जागरण में प्रकाशित
गांव में महिला स्व-सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर सामाजिक व आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने की पहल जारी है। ग्रामीण आजीविका परियोजना के तहत गठित स्वसहायता समूहों को संजय निकुंज उद्यान मनरेगा योजना में मां आशापुरा स्व सहायता समूह ने नर्सरी का काम प्रारंभ किया है।
उद्यानिकी विभाग आम्बा में महिलाओं के 23 समूह हैं, इसमें 12-12 सदस्य है। नर्सरी का 3 साल का प्रोजेक्ट है। इसकी लागत 52 लाख है। नर्सरी के कार्य से महिलाओं को रोजगार मिलेगा, समूह की महिलाएं आर्थिक गतिविधि का संचालन कर आय अर्जित कर सकेंगी। इनका निरीक्षण करने के लिए टीम बनाई।
मिशन के उपायुक्त सुधीर जैन ने बताया स्वसहायता समूह व नर्सरी के बीच पौधे लगाने का कार्य किया जा रहा है। गांव-गांव अभियान चलाया जा रहा है। नर्सरी में पौधे तैयार करने का कार्य जारी है। संजय निकुंज का निरिक्षण कर स्व सहायता की महिलाओं से चर्चा की।
आत्म-निर्भर मप्र की परिकल्पना को साकार करने के लिए मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे सामुदायिक कार्य प्राथमिकता से करवाए जा रहे हैं, इनमें ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो सके। मानसून अवधि में सामुदायिक भूमि पर पौधरोपण, निजी भूमि पर फलोद्यान, मंदिर कुंज, हैबिटेट रेस्टोरेशन जैसे कार्य कराने तथा जल-संरक्षण और संवर्धन के कार्यों के तहत कंटूर ट्रेंच, बोल्डर चैकडेम, गोवियन संरचना जैसे कार्य प्रारंभ किए। इसके तहत महिला स्व सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियां की जा रही हैं।