प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। उन्होने ने जोका-एस्पलेनैड मेट्रो परियोजना (पर्पल लाइन) के जोका-तारातला खंड का भी उद्घाटन किया। उन्होंने बोन्ची-शक्तिगढ़ तीसरी लाइन, दानकुनी-चंदनपुर चौथी लाइन परियोजना, निमतिता-न्यू फरक्का डबल लाइन और अंबारी फलाकाटा-न्यू मयनागुरी-गुमानीहाट दोहरीकरण परियोजना सहित चार रेलवे परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने आज शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं होने के लिए माफी मांगी, क्योंकि उनके लिए, यह बंगाल की भूमि को नमन करने का दिन है क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास बंगाल के कण-कण में समाया हुआ है। प्रधान मंत्री ने कहा, “वह भूमि जहां से वंदे मातरम का उद्घोष हुआ था, आज वंदे भारत को झंडी दिखाकर रवाना किया।” प्रधान मंत्री ने याद किया कि 30 दिसंबर, 1943 को, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तिरंगा फहराया था और भारत की स्वतंत्रता के लिए पहियों को गति दी थी।
इस ऐतिहासिक दिन की 75वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने बताया कि नेताजी के सम्मान में एक द्वीप का नामकरण करने के लिए उन्हें अंडमान जाने का अवसर मिला है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने आजादी का अमृत महोत्सव के जश्न के दौरान 475 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने का संकल्प लिया था और आज हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए रवाना होने वाली ट्रेन उनमें से एक है। आज जिन कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया जा रहा है, उनका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हावड़ा रेलवे स्टेशन पर हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली 7वीं वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया। अत्याधुनिक सेमी हाई-स्पीड ट्रेन अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस है। ट्रेन दोनों दिशाओं में मालदा टाउन, बारसोई और किशनगंज स्टेशनों पर रुकेगी।
प्रधान मंत्री ने जोका-एस्पलेनैड मेट्रो परियोजना (पर्पल लाइन) के जोका-तारातला खंड का भी उद्घाटन किया। जोका, ठाकुरपुकुर, साखेर बाजार, बेहाला चौरास्ता, बेहाला बाजार और तारातला जैसे 6 स्टेशनों वाले 6.5 किमी के खंड का निर्माण 2475 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है। इस परियोजना के उद्घाटन से कोलकाता शहर के दक्षिणी भागों जैसे सरसुना, डाकघर, मुचिपारा और दक्षिण 24 परगना के यात्रियों को अत्यधिक लाभ होगा।