रक्षा अधिग्रहण परिषद, डीएसी ने सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल के लिए 84 हजार 328 करोड़ रुपये के 24 पूंजीगत अधिग्रहण प्रस्तावों की आवश्यकता की स्वीकृति को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में कल हुई डीएसी की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। इस पहल से सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण होगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा।
आवश्यकता की स्वीकृति भारतीय सेना को फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, लाइट टैंक और माउंटेड गन सिस्टम से लैस करेगी, जो भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों को एक क्वांटम जंप प्रदान करेगा। 24 प्रस्तावों में से 82 हजार करोड़ रुपये से अधिक के 21 प्रस्तावों को स्वदेशी स्रोतों से खरीद के लिए मंजूरी दे दी गई है।
इनमें भारतीय सेना के लिए छह, भारतीय वायु सेना के लिए छह, भारतीय नौसेना के लिए 10 और भारतीय तटरक्षक बल के लिए दो शामिल हैं। स्वीकृत प्रस्तावों में सैनिकों के लिए बेहतर सुरक्षा स्तर वाले बैलिस्टिक हेलमेट की खरीद भी शामिल है। इस पहल के साथ, नई रेंज की मिसाइल प्रणाली और उन्नत निगरानी प्रणाली को शामिल करके भारतीय वायु सेना को और अधिक घातक क्षमताओं के साथ और मजबूत किया जाएगा।
भारतीय तट रक्षक के लिए अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद भी तटीय क्षेत्रों में निगरानी क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।