केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा वन परिक्षेत्र फतेहपुर, हल्द्वानी के गांव चौसला में महत्वाकांक्षी री-हैब परियोजना (मधुमक्खियों का उपयोग करके मानव हमलों को कम करना) का उद्घाटन किया। आज जिला नैनीताल में उन्होंने चौसला गांव के ग्रामीण हितग्राहियों को 330 मधुमक्खी-बक्से, मधुमक्खी-कालोनियों और टूलकिट के साथ-साथ शहद निकालने वालों का नि:शुल्क वितरण किया।

इस अवसर पर केवीआईसी के अध्यक्ष ने सभा को सूचित किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मूल्यवान मार्गदर्शन में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) देश के 7 राज्यों, अर्थात् कर्नाटक, महाराष्ट्र में री-हब नामक इस परियोजना को चला रहा है। पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा, जहां हाथियों के हमले अधिक होते हैं, और इस परियोजना के तहत ऐसे क्षेत्रों में मधुमक्खियों के बक्सों की बाड़ लगाई जाती है, जहां से हाथी मानव बस्तियों और किसानों की खेती की ओर बढ़ते हैं। हाथियों के आने-जाने के रास्तों पर मधुमक्खी बक्सों की बाड़ जंगली हाथियों के रास्ते को अवरूद्ध कर देती है। इस तरह मधुमक्खियों के जरिए हाथियों को इंसानों पर हमला करने और किसानों की फसल बर्बाद होने से रोका जा सकता है।

उत्तराखंड राज्य में हनी मिशन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कुल 712 बेरोजगारों और किसानों को कुल 7120 मधुमक्खी-बक्से, मधुमक्खी-कालोनियों और टूलकिट और अन्य उपकरण वितरित किए गए हैं, जिनमें से 3910 मधुमक्खी-बक्से 391 अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को, 790 मधुमक्खी-बॉक्स 79 अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को और 2420 मधुमक्खी-बॉक्स 242 सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को वितरित किए गए हैं।

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