प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया, जो नीपको लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित सबसे बड़ी हाइड्रो पावर परियोजना है, जो विद्युत मंत्रालय के तहत एक मिनी रत्न पावर पीएसयू है।
केंद्रीय ऊर्जा और एनआरई मंत्री श्री आरके सिंह ने प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में नियमित रूप से परियोजना की निगरानी की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कामेंग जलविद्युत परियोजना विभिन्न चुनौतियों के बावजूद स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और अरुणाचल प्रदेश में समृद्धि लाने के लिए राष्ट्र को समर्पित है। मंत्री ने ऊर्जा संक्रमण और ग्रिड स्थिरता के लिए एनईआर के विकास और जल विद्युत के विकास को उच्च प्राथमिकता दी है।
उत्तर पूर्व में छठे जल विद्युत संयंत्र यानी अरुणाचल प्रदेश में 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन की स्थापना पेरिस समझौते 2015 के तहत भारत सरकार के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। यह परियोजना बनेगी। 2030 तक 30000 मेगावाट की अनुमानित हाइड्रो क्षमता वृद्धि का हिस्सा।
यह परियोजना लगभग 8200 करोड़ रुपये की लागत से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में 80 किलोमीटर से अधिक तक फैली हुई है।
परियोजना में 3353 मिलियन यूनिट बिजली पैदा करने के लिए 150 मेगावाट की 4 इकाइयों वाले दो बांध और एक बिजलीघर है। परियोजना से सालाना 3353 मिलियन यूनिट का उत्पादन अरुणाचल प्रदेश को ग्रिड स्थिरता और ग्रिड में सौर और पवन ऊर्जा स्रोतों के एकीकरण और संतुलन के मामले में राष्ट्रीय ग्रिड को भारी लाभ के साथ एक अतिरिक्त बिजली वाला राज्य बना देगा।