केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज पुणे में केपीआईटी-सीएसआईआर द्वारा विकसित भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल बस का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर उन्होने ने कहा आत्मनिर्भर और सुलभ स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पूरा करने और नए उद्यमियों और नौकरियों के सृजन को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का हाइड्रोजन विजन भारत के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन एक उत्कृष्ट स्वच्छ ऊर्जा वेक्टर है जो रिफाइनिंग उद्योग, उर्वरक उद्योग, इस्पात उद्योग, सीमेंट उद्योग और भारी वाणिज्यिक परिवहन क्षेत्र से भी कठिन से कम उत्सर्जन के गहरे डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम बनाता है।
उन्होने ने बताया कि ईंधन सेल बस को शक्ति प्रदान करने में बिजली उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन और वायु का उपयोग करता है और बस से केवल पानी का प्रवाह होता है इसलिए यह संभवतः परिवहन का सबसे पर्यावरण अनुकूल साधन है। तुलनात्मक दृष्टि से लंबी दूरी के मार्गों पर चलने वाली एक डीजल बस आमतौर पर सालाना 100 टन कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन करती है और भारत में ऐसी दस लाख से अधिक बसें हैं।
उन्होने ने कहा कि ईंधन सेल वाहनों की उच्च दक्षता और हाइड्रोजन की उच्च ऊर्जा घनत्व यह सुनिश्चित करती है कि ईंधन सेल ट्रकों और बसों के लिए प्रति किलोमीटर परिचालन लागत डीजल चालित वाहनों की तुलना में कम है और यह भारत में माल ढुलाई के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। इसके अलावा, ईंधन सेल वाहन शून्य ग्रीन-हाउस गैस उत्सर्जन करते हैं। उन्होंने केपीआईटी और सीएसआईआर-एनसीएल के संयुक्त विकास प्रयासों की सराहना की और कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का प्रौद्योगिकी कौशल दुनिया में सर्वश्रेष्ठ और बहुत कम लागत की है।
उन्होने ने बताया कि डीजल से चलने वाले भारी वाणिज्यिक वाहनों से लगभग 12-14 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन और कण उत्सर्जन होता है। ये विकेंद्रीकृत उत्सर्जन हैं और इसलिए इसे पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन इस क्षेत्र से सड़क पर होने वाले उत्सर्जन को खत्म करने के लिए एक उत्कृष्ट साधन प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत माल ढुलाई और यात्री परिवहन के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों में वृद्धि करने का भी लक्ष्य बना रहा है।