आज शहरी भारत ने सभी सफाई कर्मचारियों (सफाईमित्रों) के लिए सुरक्षा, गरिमा और सलामती सुनिश्चित करने के लिए खुद को फिर से प्रतिबद्ध किया है। पहली बार देश भर के 500 शहरों ने खुद को ‘सफाई मित्र सुरक्षित शहर’ घोषित किया है। इन शहरों ने ऐसा करते हुए स्थापित किया है कि ये आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित संस्थागत क्षमता, जनशक्ति एवं उपकरण संबंधी मानदंड के लिहाज से पर्याप्तता हासिल करने में समर्थ हैं और सफाईमित्रों के लिए सुरक्षित काम करने की स्थिति उपलब्ध करा रहे हैं। इन 500 शहरों द्वारा की गई ‘सफाईमित्र सुरक्षित शहर’ की घोषणा स्वच्छ भारत मिशन- शहरी के स्थायी स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देने और प्रत्येक ‘मैनहोल’ को ‘मशीन होल’ में बदलने के लिए प्रोत्साहित करने संबंधी दीर्घावधि लक्ष्य के अनुरूप है।
श्री मनोज जोशी और श्री आर. सुब्रमण्यम ने राज्यों एवं शहरों को उनके प्रयासों के लिए बधाई देते हुए कहा कि सभी शहरों और राज्यों को ‘सफाईमित्र सुरक्षा’ के लिए प्रतिबद्ध रहने की आवश्यकता है। मशीनीकरण और कर्मचारियों की सुरक्षा की दिशा में जारी प्रयासों को गति देने के लिए दोनों मंत्रालयों ने संयुक्त रूप से ‘नमस्ते’ (नेशनल एक्शन फॉर मैकेनाइज्ड सैनिटेशन इकोसिस्टम) योजना शुरू की है ताकि साफ-सफाई संबंधी कार्यों की पीढ़ीगत व्यवस्था को तोड़ते हुए पेशागत सुरक्षा बढ़ाने, सुरक्षा गियर एवं मशीनों तक पहुंच को बेहतर करने, कुशल मजदूरी के अवसर प्रदान करने और लगातार क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल सके।
हाल में शुरू की गई ‘नमस्ते’ योजना के बारे में बात करते हुए श्री आर. सुब्रह्मण्यम ने सभी ‘सफाईमित्र सुरक्षा’ पहलों का नेतृत्व नगर निगमों को किए जाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के समर्थन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय परियोजना प्रबंधन इकाइयों (पीएमयू) की स्थापना में मदद करेगा जो विशेष संसाधनों एवं कुशल पेशेवरों से लैस होगी। आज 500 अमृत शहरों में से 128 ने खुद को ‘सफाईमित्र सुरक्षित शहर’ घोषित कर दिया है और कल सभी 500 ऐसे शहर बन जाएंगे। आप सभी से मेरा अनुरोध है कि इसे आगे बढ़ाएं और इसे साकार करें। साथ मिलकर काम करने से हम सफल अवश्य होंगे।’