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आत्म निर्भर भारत अभियान” में इंदौर के आलू को नई पहचान मिलेगी। यहां आलू आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर उनसे बनने वाले खाद्य पदार्थों की इकाइयां लगाने के लिए शासन की तरफ से स्थानीय उद्यमियों को मदद की जाएंगी। सरकार ने एक जिला-एक उत्पाद के तहत इंदौर जिले में आलू की फसल का चयन किया है।
जिले की महू तहसील में आलू की काफी खेती होती है। यहां के कोदरिया गांव में तो आलू के सैकड़ों छोटे-छोटे उद्योग लगे हैं। यहां आलू से पपड़ी और चिप्स बनाई जाती है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने आलू आधारित उद्योगों को ही बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इसे देखते हुए हाल ही में विभिन्न् विभाग के अधिकारियों ने कोदरिया पहुंचकर यहां के आलू उद्यमियों से चर्चा की। ग्राम पंचायत में बैठक कर आलू उद्यमियों को उनके उद्योगों को आगे बढ़ाने में आ रही समस्याओं और जरूरतों पर बात कीं।
सरकार ने उद्यमियों को शासन की योजना के बारे में विस्तार से बताया। उद्यमियों को बताया गया कि इस योजना के तहत सरकार व्यक्तिगत किसान, किसानों के एफपीओ, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी संस्थाओं और युवाओं के स्टार्ट अप के जरिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगाने के लिए प्रोत्साहन देगी। पहले से मौजूद खाद्य इकाइयों के उन्न्यन के लिए 10 लाख तक की अनुदान सहायता दी जाएगी। इसके अलावा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत् ई-मार्केटिंग, प्लेटफॉर्म, गोदाम, पैक हाउस, राइपनिंग चैंबर, कोल्ड चैन आदि बनाए जा सकेंगे। इसके लिए दो करोड़ रुपये तक बैंक लोन दिलवाकर इसमें तीन फीसद ब्याज अनुदान सरकार देगी।
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