शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आज यूनाइटेड किंगडम (यूके) के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग के स्थायी सचिव श्री जेम्स बॉलर और मंत्रालय के सचिव (उच्च शिक्षा) श्री के संजय मूर्ति के बीच हस्ताक्षर किए गए।
मई 2021 में, भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए 2030 तक एक व्यापक रोडमैप अपनाया गया था। दोनों पक्ष एक नई संवर्धित व्यापार साझेदारी पर भी सहमत हुए। शिक्षा इस रोडमैप का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के आलोक में, दोनों पक्ष शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता पर सहमत होकर शैक्षिक विस्तार पर सहमत हुए।
यह हमारे द्विपक्षीय शैक्षिक संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से दोनों देशों के बीच छात्रों की आवाजाही आसान होगी और मजबूत संस्थागत सहयोग विकसित करने में मदद मिलेगी और दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग का दायरा व्यापक होगा।
भारत सरकार शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की सुविधा के लिए विदेशों के देशों के साथ अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की अनुमति देने के लिए कई कदम उठा रही है, जो कि एनईपी 2020 के तहत फोकस के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है।.